एक लड़का और एक लड़की एक दूसरे से बहुत प्यार करते है, पर अचानक दोनो के बीच अनबन हो जाती हैं तो लड़का गुस्से में बोल देता है, मेरा अब तुमसे प्यार हो गया खत्म। यह सुनकर लड़की टूट जाती है, कुछ इस तरह उसके अल्फाज होते है:- कैसे तुम बोल दिए प्यार हो गया तुम से खत्म, क्या यही है तुम्हारा कर्म, ना लाज है ना शर्म। अच्छा हुआ तुमने आज तोड़ दिए मेरे भ्रम, मुझे भी आज ये पता चल गया, तू है बड़ा बेशर्म। बच गया तू आज ना पाल तू ये भरम, तुम्हे भी पता है, कैसा है तुम्हारा कर्म। मेरे वजह से आज तू बचा है बेशरम, क्योंकि मेरा दिल और दिमाग बहुत है नरम। तुम्हे कोई और मिलेगी ना रख तू ये भरम, क्योंकि तेरा पाप है चढ़ा सीमा पर चरम। जलते रहना अब खुद में ही करके दिमाग गरम, तू अकेला ही रहेगा, है ऐसे तेरे करम। अभी भी वक्त है सुधर जा, कर ले थोड़ा शर्म, कब तक ऐसे बना रहेगा इस दुनिया में बेशर्म। चला जा तू यह से मेरा दिमाग हो रहा अब गरम, बस मुंह उठा कर बोल दिए प्यार हो गया खत्म। लेखिका:- Khushboo Singh सहयोग:- R.S. Sikarwar
एक शायरी तन्हाई के ऊपर:– अकेले यहाँ मेरा जी अब लगता नहीं, आपके बिना ये दिन कटता नहीं, बुला लो आप मुझे अपने पास-02 ये तन्हाई अब सहन होती नहीं। लेखिका:– Khushboo Singh सहयोग:– R.S. Sikarwar
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