"तन्हाई" दर्द भरी शायरी

एक शायरी तन्हाई के ऊपर:–

अकेले यहाँ मेरा जी अब लगता नहीं,

आपके बिना ये दिन कटता नहीं,

बुला लो आप मुझे अपने पास-02

ये तन्हाई अब सहन होती नहीं।

                             लेखिका:– Khushboo Singh

                             सहयोग:– R.S. Sikarwar 

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